आप कहाँ से हैं?
ग्राम
"बेटा! घर कहाँ होल्लौ" चाचा ने कहा
"बोकारो "
"वहाँ तो, तों रहो ही ने, कोए पुछ्तौ तौ गाम बतैहें; सभे बाबा, मामा, चाचा-चाची इहें हकिहं ने - गमा में " बाबा ने कहा
"हाँ बाबा "
"नै तो खखर के कह दिहें - ' हम बिहार से हैं ' "चाचा ने सुझाया
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बेरमो
"बेटा! घर पूछने पर गाँव कहाँ बताते हो, जिंदगी यहाँ बिताते हो और पता गाँव का बताते हो, यहाँ का बताया करो बेटा"; और मुड़कर लड़के के पिता से उन्होंने बात जोड़ी "इसकी भी गलती नहीं है प्रसाद जी, जब आप ही पूरी उमर यहाँ रह कर, बड़ी बेटी की शादी की बात आई तो-" सिंह जी की ओर आखों को घुमा यादव जी "- कहते हैं गाँव से करेंगे ; लड़का भी क्या गलत कहा"
बड़े शान से चाय की चुस्कियों में अपना तर्क रख गए. घर में अलग आपाधापी लग गयी शादी के तैयारियों की.
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पश्चिम बंग
१. "कहाँ से है तुम"
०. "बोकारो"
१. "ओ..हो, चलो कोई बात नहीं, एक काम है"
२. "अरे! झर्खंदिया सब को काहे बोलता है, हम सब अपने काफी हैं इ बंगलिया सब को दबा के रखने
के लिए, अहो चौधरी जी क्या कहते हैं!"
१. "फिर भी कहते हैं ना, साथ ले लो इसको भी, जोर रहेगा,"
० "हम भी बिहार से ही हैं, गाँव नवादा जिला में पड़ता है "
३. "बस, बस फिर क्या है.."
० "मुद्दा क्या है?"
२. "चलो हमारे साथ, देखते हैं कैसे खता है सात दिन मछल इ लोग "
एक राग : "जय बिहार, जय मुंगेर-आरा - छपरा...जय बिहार,जय बिहार,जय बिहार......."
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दिल्ली
परीक्षा केंद्र : कॉलेज, ग़ाज़ियाबाद
समाप्ति उपरांत मैं रोड पे Auto की भीड़, और दिल्ली- ग़ाज़ियाबाद रोड की ट्रैफिक देख कोई भी चकरा जाए.
"मेट्रो, मेट्रो , मेट्रो.... "
वापसी को एक हुजूम भर कर बैठा, फिर भी इसे ठसम-ठस नहीं के सकते, इससे बदतर अवस्था भी युवक ने देखे थे
रास्ता लम्बा था, सो बगलगीर से यूँ ही पेपर की बातें उठीं, और बातें अन्य मुद्दों पे होते उस अनजान परिछार्थी ने पूछा:
"तुम कहाँ से हो?"
हो सकता है इसे भी ना पता हो की 'बोकारो' ('स्टील सिटी' कहने पर भी) कहाँ पड़ता है, जैसा पहले भी होता रहा था, सो युवक ने कहा - "झारखंड"
"यह कहाँ पड़ता है? उत्तराखंड में?"
मुस्कुरा कर "बिहार से डिवाइड हो अलग State बना है, २००० में ही"
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